Book Details
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Title |
Muttollayiram -Hindi Translation |
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Translator |
Thiru. K. Ramanadhan |
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Publisher |
Chennai: Central Institute of Classical Tamil |
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Publish Year |
2024 |
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Language |
Hindi |
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Book ISBN |
978-81-974289-8-2 |
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Number of Pages |
112 |
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Book Price |
Rs.200.00 |
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About the Book:- |
मुत्तोळ्ळ्ळायिरम् तमिल के श्रेण्य सहित्य के रूप में 41 ग्रंथों को स्वीकारा गया है। उनमें एक ग्रंथ है मुत्तौळळायिरम्। इतिहास के पन्नों को पलटने पर मालूम होगा कि तमिळ प्रांत के महान शासक के रूप में चेर, चोळ और पाण्डिय का नाम प्रसिद्ध रहा है। तीनों शासकों में कभी एकता को न देख सकने पर भी मातृभाषा तमिल के विकास कार्य में तीनों शासकों में सहमत को देखते हैं। मुत्तौळळायिरम् इन तीनों शासकों की कीर्ति के बारे में लिखा गया काव्य है। उल्लेखनीय बात यह है कि इस ग्रंथ में किसी भी कवि का नाम उल्लेख नहीं किया गया है। संगम साहित्य के समकक्ष मान्यता प्राप्त इस रचना की विशेषताएँ अनेक हैं। तीनों शासकों में मतैक्य न होने पर भी कवि अपनी तमिळ भाषा द्वारा समान रूप में इन तीनों की कीर्ति गाते हैं। इस प्रकार तीनों शासकों को एक श्रेणी में रखने का विचार अनोखा है। ध्यान देने की बात यह है कि कवि ने कहीं भी तीनों शासकों के व्यक्तिगत नाम का उल्लेख न करके उन्हें उनकी उपाधि के नाम से ही सूचित किया हैं। यह भी इस रचना की एक विशेषता है। उल्लेखनीय बात यह है कि इस काव्य के रचना काल के बारे में बताया जाता है कि यह तीसरी शताब्दी की रचना है। लेकिन इस कथन पर अब तक विद्वानों में मतैक्य नहीं है। |