Book Details
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Title |
Mutumolikkanci -Hindi Translation |
Translator |
Dr. P. K. Balasubrahmanyan |
Publisher |
Chennai: Central Institute of Classical Tamil |
Publish Year |
2024 |
Language |
Hindi |
Book ISBN |
978-81-975952-5-7 |
Number of Pages |
62 |
Book Price |
Rs.150.00 |
About the Book:- |
मुतुमोळिक् काञ्चि (लोक नश्वरता - कहावतें (सूक्तियाँ)) प्रस्तुत ग्रंथ एक नीति ग्रंथ है। इसमें छोटे-छोटे बाक्यों के द्वारा लोकसत्य व वांछित व्यवहार के बारे में कहा गया है। इसके 100 सूक्ति वाक्य हैं जो दस-दस के दलों में उचित शीर्षक के अंदर संग्रहीत है। कथ्य के अनुसार शीर्षक प्रदत्त है। सभी दलों की प्रथम पंक्ति एक समान है। प्रत्येक दल में दस-दस भिन्न-भिन्न कथन प्रदत्त हैं। पहली दो पंक्तियाँ टेक के समान प्रयुक्त हैं। तमिल में कॉजी एक आभूषण है जिसे युवतियों अपनी कटी या कमर में पहनती हैं जिससे कई मणियाँ लटकायी जाती हैं। उसी तरह प्रस्तुत रचना में दस-दस नीति वाक्य कहे गये हैं और वे सब प्राचीन काल से प्रचलित हैं। इस कृति के संग्रहकर्ता हैं मदुरै कूडसूर् किलार्। किळार् शब्द से पता चलता है कि ये कृषक परंपरा के हैं। |