Book Details
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Title |
Nanmanikkatikai -Hindi Translation |
Translator |
Dr. P. K. Balasubrahmanyan |
Publisher |
Chennai: Central Institute of Classical Tamil |
Publish Year |
2024 |
Language |
Hindi |
Book ISBN |
978-81-975737-6-7 |
Number of Pages |
90 |
Book Price |
Rs.200.00 |
About the Book:- |
नान्मणिक्कडिगै - चारमणि आभूषण यह भी एक नैतिक ग्रंथ है और इसमें एक सौ चार पद्म हैं जो चार चरणवाले छंद के होते हैं। हमारे स्वाभाविक जीवन में ज्ञात विषयों को चार-चार तथ्यों में संकलित करके हर पद्म में बताने के कारण इस ग्रंथ का नाम भी ऐसा पड़ा है। इस ग्रंथ की रचना कवि विळम्बिनागतार् से की गयी है। इस ग्रंथ के द्वारा मालूम होता है कि कवि वैष्णव धर्मावलंबी थे। उत्तम उपमाएँ, श्रेष्ठ उपदेश, शालीन शैली आदि कवि के काव्य कौशल को स्पष्ट प्रकट करते हैं।इस ग्रंथ में बताय गये जीवन मूल्य के अन्य विषय यों हैं, इस जन्म में अपने कार्य से कीर्ति स्थापित करके अगले जन्म में मुक्ति पाने की बात को जीवन का लक्ष्य मान लेना चाहिए, उत्तम धर्म वे हैं जो जीव हत्या न करना, मांसाहार न लेना आदि। |