Book Details
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Title |
Kalittokai -Hindi Translation |
Translator |
Dr. P. K. Balasubrahmanyan |
Publisher |
Chennai: Central Institute of Classical Tamil |
Publish Year |
2024 |
Language |
Hindi |
Book ISBN |
978-81-975952-2-6 |
Number of Pages |
606 |
Book Price |
Rs.1000.00 |
About the Book:- |
कलित्तोगै कलिप्पा से रचित होने के कारण इस ग्रंथ का नाम कलित्तोंगै पड़ा। इसके 150 पचो में एक पद्म ईश्वर बन्दना का है। वे पद्म पालै, कुरिञ्जि, मरुदम्, मुल्लै, नेय्दल् आदि के क्रम से रखे गये हैं। पालै तिणै के 35 पद्यों को कवि पालै पाडिय पेरुङ्कडुङ्गो, कुरिञ्जि तिणै के 23 पद्यों को कवि कबिलर्, मरुदम् तिणै के 35 पद्यों को कवि मरुदत्तिळनागतार्, मुल्लै तिणै के 17 पद्मों को चोल राजा नल्लुरुत्तिरत्, नेय्दल् तिणै के 33 पद्मों को कवि नल्लन्दुवत्तार् आदि ने रचा है। यह तो अगत्तिणै याने आंतरिक प्रेम में उल्लेख न किये जाने वाले कैश्विकै, पेरुन्तिणै, मडलेडुदल् आदि पर होने वाले पयों का एक मात्र ग्रंथ है। इसकी कीर्ति ऐसी कहा जाता है कि शिक्षितों की कीर्ति प्राप्त कलित्तोंगे, विद्वत जनों का ग्रंथ कलित्तोगै। |