Book Details

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Title

Akananuru -Hindi Translation

Translator

Dr. N. Sundaram & Dr. P. Ramasamy

Publisher

Chennai: Central Institute of Classical Tamil

Publish Year

2024

Language

Hindi

Book ISBN

978-81-974289-5-1

Number of Pages

1061

Book Price

Rs.1600.00

About the Book:-

आंतरिक प्रेम के तथ्यों से प्रसिद्ध अगनानुरु के ग्रंथ 400 पद्मों से बना है। ऐट्टुत्तोंगै के अन्य ग्रंथों के पद्मों से इसके पद्म लंबे होने के कारण इस ग्रंथ को नैडुन्तौगै के नाम से भी बुलाते हैं। इस ग्रंथ को उप्पूरि कुडिक्विलात् मगन् उरुत्दिरसत्मतार् ने संकलित किया और पाण्डिय राजा उक्तिरप् पैरुबळुदी ने संकलित करवाया। इस ग्रंथ में 145 कवियों ने पद्मों की रचना की है। इस ग्रंथ का विभाजन विशेष रूप से बना है। इस ग्रंथ के पद्य तीन भागों में विभाजित हैं। 1 से 120 तक के पद्म कळिट्रियात्तै निरै, 121 से 300 तक के पद्म मणिमिडैप् पवळम्, 301 सो 400 तक के पद्य नित्तिलक् कोवै के नाम से विभाजित हैं। इस ग्रंथ को संकलित किये उरुत्दिरसत्मत् ने इसके पचों को विशेष रूप से क्रमबद्ध किया है। याने 1,3,5,7 इस प्रकार असम संख्या में आने वाले पद्य पालै, 4,14.24, इस प्रकार की संख्या में आने बाले पद्य मुल्लै, 6,16,36 इस प्रकार की संख्या में आने वाले पश्य मरुदम्, 2,8,12,28 इस प्रकार की संख्या में आने वाले पद्म कुरिञ्जि, 10,20,30,40 की संख्या में आने वाले पद्म नैय्दल आदि के क्रम से विभाजित हैं। इस ग्रंथ में पाले में 200 पद्य, कुरिञ्जि में 80 पद्म, मुल्लै, मरुदम्, नेय्दल् आदि में क्रम से 40 पद्म इस प्रकार कुल मिलाकर 400 पद्म होते हैं।