Book Details
BACK
Title |
Ainkurunuru -Hindi Translation |
Translator |
Dr. N. Sundaram |
Publisher |
Chennai: Central Institute of Classical Tamil |
Publish Year |
2024 |
Language |
Hindi |
Book ISBN |
978-81-970851-2-3 |
Number of Pages |
639 |
Book Price |
Rs.1000.00 |
About the Book:- |
ऐकुरुनूरु ग्रंथ में हर भूभाग के नाम पर 100 पचों के क्रम से 500 पद्य रचे गये हैं। यह ग्रंथ पाँच भूभागों के नाम पर विभक्त है। इसमें होने वाले पचों के न्यूनतम चरण तीन हैं और अधिकतम चरण छः हैं। इसके पद्म अगवऱ्या नामक छंद से बने हैं। इसमें होने वाले पद्मों की चरण संख्या कम होने पर भी उसमें शब्दों की प्रांजलता और अर्थ गाम्भीर्यता आदि अधिक हैं। मरुदम्, नेय्दल, कुरिञ्जी, पालै, मुल्लै आदि भागों को कवि ओरम्पोगियार्, अम्मूवतार्, कबिलर्, ओदलान्दैयार्, पेयत्तार् आदि ने क्रम से रचे हैं। इसके पयों का संकलन पुलत्तुरै मुद्रिय कूडलूर् किळार् थे और यातैकट्सेय् मान्दरञ् चेरल् इरुम्पौर ने संकलित करवाया था। हर एक भाग में होने वाले सौ पद्य दस-दस पद्मों के अंतर्गत शाब्दिक एवं आर्थिक विशेषता के आधार पर अलग अलग शीर्षक के रूप में विभाजित हैं। उदाहरणार्थ, वेट्कैप् पत्तु, कळवत् पत्तु, परुवङ्कण्डु किळत्ति उरैत्त पत्तु, सेबिलिक् कूलुप् पत्तु आदि। इस ग्रंथ में तोण्डिप् पत्तु की अपनी अलग विशेषता यह है कि इसके हर पद्म का अंत अगले पद्म का प्रारंभ बनकर अंतादि के रूप में रचित है। |