Book Details

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Title

Tinaimalai Nurraimpatu -Hindi Translation

Translator

Dr. P. K. Balasubrahmanyan

Publisher

Chennai: Central Institute of Classical Tamil

Publish Year

2024

Language

Hindi

Book ISBN

978-81-975952-4-0

Number of Pages

142

Book Price

Rs.300.00

About the Book:-

तिणैमालै नूट्रैम्बदु (तिणैमालै डेढ़ सौ) -

तिणै शब्द के पर्यायवाची शब्दों के कई अर्थ में प्रदेश विशेष भी एक है। तिणै के आधार पर जो भूमि का विभाजन तमिळनाडु में ही मिलता है। प्रस्तुत अन्यतिणै पचों की तरह ग्रंथ में प्रत्येक प्रदेश के पाये जाते हैं याने कुरिद्धि (पर्वत व पर्वतीय प्रदेश के 31 पद्म हैं, नेय्तलू के समुद्र व समुद्र तटीय प्रदेश 31 पद्म हैं, पालै (रेगिस्तान) के 50 पद्म, मुल्लै (वन-वनांतर) के 31 पद्म और मरुतम् (समतल) के 31 पद्म है। इनके अलावा पद्म 'पायिरम्' भी मिलता है।

संघ कालीन परवर्ती अठारह ग्रंथों में तिणै ग्रंथ मिलती है। उनमें प्रस्तुत ग्रंथ याने तिणैमाले डेढ़ सौ लंबी रचना है जिसके 154 पद पाए जाते हैं। इसके लेखक का नाम व रचना का उद्देश्य 'पायिरम्' में विशेष पद्म में मिलता है। कणिमेदावियार् जी इसके लेखक हैं और अहंजीवन के प्रति लोगों की रुचि बढाने के लिए प्रस्तुत ग्रंथ की रचना चौपाई विशेष में हुई हैं। इसमें प्रदेश के अनुरूप लोगों के आचरण का चित्रण मनोहर ढंग से हुआ है। अपनी पद्म-संख्या के आधार पर प्रस्तुत रचना का नामकरण हुआ है। खास बस है कि प्रस्तुत रचना के लेखक कणिमेदावियार् जी ने, एलादि ग्रंथ की रचना भी की है।