Book Details
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Title |
Aintinai Elupatu -Hindi Translation |
Translator |
Dr. P. K. Balasubrahmanyan |
Publisher |
Chennai: Central Institute of Classical Tamil |
Publish Year |
2024 |
Language |
Hindi |
Book ISBN |
978-81-975952-1-9 |
Number of Pages |
90 |
Book Price |
Rs.200.00 |
About the Book:- |
ऐन्तिणै ऐळुबदु (पंचक्षेत्र सत्तर) तमिळनाडु के प्रदेश पाँच् प्रकार के माने जाते हैं। वे हैं क्रमशः कुरिद्धि (पर्वत व पर्वतीय प्रदेश), मुल्ने (वन-वनांतर), मरुदम् (समतल व कृषिक्षेत्र), नेय्दल (सागर व सागर-तट) और पार्टी (मरुभूमि)। प्रत्येक प्रदेश के चौदह-चौदह पद्म के हिसाब से प्रस्तुत संग्रह के 70 पद हैं। इनमें पालै राजस्थान के थार रेगिस्तान के समान नहीं होता। परंतु मुल्लै व कुरिद्धि प्रदेशों में जब सूखा पड जाता है, वह मरुभूमि-सम गरम हो जाता है। वर्षा के अभाव में वह भूमि भी सूख जाती है। प्रस्तुत ग्रंथ में पालै बाकी प्रदेशो के बीच चित्रित है। प्रस्तुत ग्रंथ के रचयिता मूवादियार् हैं। इन कुछ जैन धर्म के श्रमण मानते हैं। पर उसके लिए कोई प्रमाण नहीं मिलता। प्रस्तुत ग्रंथ का प्रथम पथ्य विनायक (गणेश) की स्तुति करता है। इसके सिवा शेष तिर्ण ग्रंथों में ईश्वर-स्तुति नहीं पायी जाती। इस संग्रह में, श्रेष्ठ विचार समकालीन आचार-विचार, विश्वास व आदर्श आदि स्पष्ट रूप में चित्रित हैं। इस संग्रह के विचार परवर्ती कवियों से उद्धृत भी हैं। ये पद्य, नायक, नायिका, सखी व सारवी को संबोधित करके रचे गये हैं। |