Book Details

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Title

Patirruppattu -Hindi Translation

Translator

Dr. L.V.K. Sridharan

Publisher

Chennai: Central Institute of Classical Tamil

Publish Year

2024

Language

Hindi

Book ISBN

978-81-970851-3-0

Number of Pages

300

Book Price

Rs.500.00

About the Book:-

पदिटुप्पत्तु बाह्यार्थ को उल्लेख करते ग्रंथों में एक है पदिटुप्पत्तु। इसके पद्यों को संकलित किये और संकलित करवाये आदि के नाम अपरिचित हैं। यह ग्रंथ ऐसा संकलन है कि दस कवियों द्वारा दस चेर राजाओं की कीर्ति गायी गयी है। इस ग्रंथ के प्रथम दस पद्म और अंतिम दस पच अप्राप्त हैं। इसलिए इस ग्रंथ में 80 पद्म मात्र होते हैं। इस ग्रंथ के हर दस पद्मों का संकलन संख्या के नाम से सूचित हैं। चेर राजाओं की कीर्ति गाने वाले वे पद्म पाडाण तिणै में हैं। पदिट्ठप्पत्तु की अनोखी विशेषता यह है कि ऐट्टुत्तोंगै में होने वाले ग्रथों में यह मात्र एक ही तिणै मैं रचित है। दस-दस पद्मों का हर संकलन एक एक चेर राजा पर गाया गया है। हर पद्म के अंत में अनुभाग, राग. कविता का गुण, कविता का नाम आदि का उल्लेख हुआ है। पद्म का नाम उस पद्म को रचित कवि द्वारा प्रयुक्त शीर्षक के रूप में बना है। इस पद्म को तूक्कु (राग) दिया गया है, इसलिए मालूम होता है कि वे पद्म रागात्मक गाये गये होंगे। हर दस पद्म के अंत में इतिहास को बताने वाला एक पदिगम याने भूमिका को पाते हैं, जिसमें उन दस पयों को रचे कवि, जिस पर गाया गया उस राजा का नाम, उसके शासन का समय, कवि को प्राप्त पुरस्कार आदि विषय होते हैं। हम ऐसा कह सकते हैं कि पदिट्ठप्पत्तु ग्रंथ चेर राजाओं के इतिहास को सूचित करने वाला एक ऐतिहासिक ग्रंथ है।