Book Details
BACK
Title |
तॊल्काप्पियम् = தொல்காப்பியம் = Tolkāppiyam : Text, Transliteration, and Translations |
Author |
Dr. H. Balasubrahmanyam,Prof. K. Nachimuthu (Hindi translators); |
Publisher |
Chennai: Central Institute of Classical Tamil |
Publish Year |
2021 |
Language |
Hindi |
Book ISBN |
978-93-81744-99-4 (HB) |
Number of Pages |
1165 |
Book Price |
Rs.1500.00 |
About the Book:- |
तोल्काप्पियम्, तिरुक्कुरळ, संगम् साहित्य आदि शास्त्रीय तमिळ ग्रन्थों का भारतीय भाषाओं और विश्व की भाषाओं में अनुवाद कर केन्द्रीय शास्त्रीय तमिळ अनुसंधान केन्द्र की ओर से प्रकाशित किया जा रहा है। इस दिशा में आजकल तोल्काप्पियम् का हिंदी अनुवाद प्रकाशन के लिए हमारे हाथ में तैयार है। आजकल तमिळ में प्राप्त व्याकरण ग्रन्थों में तोल्कप्पियम् सर्व प्रथम व्याकरण ग्रन्थ माना जाता है। जिस प्रकार संस्कृत के पाणिणी व्याकरण की अलग विशिष्टता होती है, उसी प्रकार तमिळ में तोल्काप्पियम् का विशिष्ट स्थान होता है। वर्तमान में प्रकाशित इस हिंदी अनुवाद द्वारा संस्कृत व हिंदी के विद्वानों को पाणिणी व्याकरण के साथ तोल्काप्पियम् की तुलना करके अध्ययन करने का अवसर मिलता है। यह कहना अत्युक्ति नहीं होगी कि प्रोफ.एच. बालसुब्रह्मण्यम जी इस सुअवसर के निमित्त बने हैं। बहुभाषाविद् प्रोफ. एच. बालसुब्रह्मन्यम जी को भाषा साहित्य की सेवाओं केलिए केन्द्र सरकार की ओर से राष्ट्रपति सम्मान देकर सम्मानित किया है। हर्ष की बात है कि ऐसे महत्व के एच. बालसुब्रह्मण्यम जी द्वारा तोल्काप्पियम् का हिंदी अनुवाद कार्य संपन्न हुआ है। प्रोफ.एच. बालसुब्रह्मण्यम जी के इस तोल्काप्पियम् अनुवाद कार्य में सहायक रहे प्रोफ. कृष्णसामि नाच्चिमुत्तु। इस अनुवाद में तमिळ पद्यों के साथ हिंदी में उसका लिप्यन्त्रण देवनागरी लिपि में दिया गया है। उसके बाद पद्य का हिंदी अनुवाद दिया गया है। उसके बाद इळाम्पूरणर् और नच्चिनाक्र्किनियर् के भाष्य के आधार पर संक्षिप्त व्याख्या दी गई है जिसे हिंदी पाठक आसानी से समझ सके। जहाँ आवश्यक हो वहाँ उदाहरण भी दिए गए हैं। अंत में जहाँ अतिरिक्त व्याख्या की जरूरत हो वहाँ हिंदी, मलयालाम जैसी अन्य भाषाओं के व्याकरणों की तुलना भी कि गई है। इसप्रकार पूर्व प्रकाशित आचार्य काशीराम शर्मा के तोल्काप्पियम् हिंदी अनुवाद से यह अनुवाद भिन्न होता है। शर्मा जी ने तोल्काप्पियम् के वर्ण और शब्द अध्यायों का मात्र हिंदी में संक्षित रूप मे किया है। इस अनुवाद की विशेषता है कि यह अनुवाद विस्तृत है जो वर्ण, शब्द और अर्थ आदि तीनों अध्यायों का वर्णन सविस्तार करता है। |